साल 1994 में र‍िलीज फिल्म बैंड‍िट क्वीन में फूलन देवी का किरदार निभाकर शोहरत पाने वाली दिग्गज एक्ट्रेस सीमा बिस्वास 14 जनवरी को अपना जन्मदिन मना रही हैं. सीमा का जन्म 14 जनवरी 1965 को असम में हुआ था. उन्हें शेखर कपूर की बैंड‍िट क्वीन मूवी में फूलन देवी के रोल के लिए आज भी याद किया जाता है.

इस फिल्म में उनकी बेहतरीन अदाकारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था. फिल्म में सीमा ने कुछ इंटीमेट सीन्स दिए थे, जिसके लिए उन्हें लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा था. आज उनके बर्थडे पर आइए जानें बैंड‍िट क्वीन में उन सीन्स के बारे में जिसे सीमा बिस्वास आज तक नहीं भूल पाईं.

 एक इंटरव्यू में सीमा ने इन सीन्स के बारे में खुलकर बात की, कि कैसे इन इंटीमेट सीन्स की शूट‍िंग की गई और इसका उनपर व्यक्त‍िगत रूप से क्या प्रभाव पड़ा. उससे पहले बता दें कि फिल्म के इन बोल्ड सीन्स, गाली-गलौच और न्यूड सीन्स की वजह से फिल्म विवादों में भी रह चुकी है.

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सीमा ने बताया कि ये इंटीमेट सीन्स उनके बॉडी डबल ने किया था. एक्ट्रेस ने इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने डायरेक्टर शेखर कपूर से इन न्यूड सीन्स को फिल्म से हटाने को कहा था. लेक‍िन शेखर ने कहा था कि सत्य घटना पर आधार‍ित इस फिल्म में लोगों की असंवेदनशीलता को दिखाने के लिए इन सीन्स का होना जरूरी है.  सीमा बिस्वास ने फिल्म के इंटीमेट सीन पर बात करते हुए कहा कि शूट करते समय डायरेक्टर और कैमरामैन के अलावा किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी. सीन शूट होने के बाद वे रात भर रोईं थी. रोई वो इसलिए क्योंकि सीन भले ही बॉडी डबल ने किया था, लेकिन स्क्रीन पर तो उनका ही चेहरा दिखना था. उन्हें इसे लेकर काफी घबराहट थी.

उन्होंने कहा कि शूट‍िंग के दौरान दो दिनों तक उन्होंने ना कुछ खाया और ना ही कुछ पिया था. सीमा ने ऐसा इसल‍िए किया क्योंकि फूलन देवी भी जंगलों में रहने के दौरान ऐसे ही भूखी-प्यासी रहती थीं फिल्म के एक अन्य सीन में गैंगरेप के बाद ठाकुर, फूलन देवी को बिना कपड़ों के कुएं से पानी लाने भेजता है. इस सीन के बाद सीमा को व्यक्त‍िगत रूप से लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा था. लोग उनसे नफरत करने लगे थे.   लोगों की नफरत से सीमा सह नहीं पाई थीं. उन्होंने कुछ समय के लिए खुद को बाकी समाज से अलग कर लिया था. वे धौलपुर के एक गेस्ट हाउस के कोने में बैठकर घंटों तक अपने इस किरदार के बारे में सोचती रही थीं. ]

सीमा ने आगे बताया क‍ि फिल्म रिलीज के दो साल पहले जब वे अपनी फैमिली के साथ इसकी अनसेंसर्ड कॉपी असम स्थ‍ित अपने घर पर देख रही थीं, तो वे मां की गोद में सिर रखकर रोने का नाटक कर रही थीं. लोगों को पता ना चले कि अंदर वे कोई फिल्म देख रहे हैं इसल‍िए दरवाजे और पर्दे लगा दिए गए थे और कमरे की लाइट बंद कर दी थी.  फिल्म खत्म होने पर सीमा के पिता ने उनकी ओर देखा और कहा- यह रोल तो हमारी सीमा ही कर सकती है. यह पल सीमा के लिए बहुत मायने रखता था. पिता के मुंह से ये बात सुनकर उन्होंने राहत की सांस ली.

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