भारत में क्या बजट है: आयकर, बिजनेस, नेट टैक्स वर्गीकरण में बिक्री से सरकार का खजाना बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में आय और संग्रहालय कर संग्रह में उछाल दिख रहा है। इससे कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान से लगभग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रह सकते हैं। वहीं, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में करीब 49,000 करोड़ रुपये की कमी का खतरा है।

सरकार को मिली कुछ राहत:

आयकर रिटर्न की उम्मीद और मासिक आधार पर बढ़ोतरी से सरकार को कुछ राहत मिल सकती है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि न्यूनतम मासिक वृद्धि से सरकारी बजट में राजकोषीय सुसंगति योजना पर भी किसानों और सामाजिक अनुदान के लिए अधिक धन निवेश करने की स्थिति में रहेगी।

गरीबों पर विशेष ध्यान:

सरकार आम चुनाव में जाने से पहले एक फरवरी को अपना अंतरिम बजट पेश करेगी। ऐसे में इस बजट में समाज के गरीबों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े सदस्यों पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।

वित्त वर्ष 2023-24 में प्रत्यक्ष कर संग्रह:

सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष करों से 18.23 लाख करोड़ रुपये का बजट लक्ष्य रखा था। इस मद में 10 जनवरी, 2024 तक कर संग्रह 14.70 लाख करोड़ रुपये हो गया था, जो बजट अनुमान का 81 प्रतिशत है। अभी वित्त वर्ष पूरे में लगभग आधे महीने का समय शेष है।

सीमा शुल्क संग्रह:

वहीं, म्यूजियम के इंस्ट्रुमेंट पर सेंट्रल रेज़्यूमे का राजस्व 8.1 लाख करोड़ रुपये से लगभग 10,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है। हालाँकि उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में करीब 49,000 करोड़ रुपये की कमी का खतरा है।

सकल कर राजस्व:

केंद्र का सकल कर राजस्व 33.6 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 60,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इरा ने अपने बजट आकलन रिपोर्ट में कहा था कि अगले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर एवं संग्रह संग्रह के कारण सकल कर राजस्व 11 प्रतिशत है लेकिन उत्पाद शुल्क सीमा एवं शुल्क संग्रह में वृद्धि कम रह सकती है।

राजकोषीय सुसंगति योजना:

कर संग्रह वृद्धि से सरकार राजकोषीय आर्थिक मंदी मार्ग से हटे गोपालगंज, ग्रामीण सड़क, किसान सम्मान निधि और कृषि मंत्री जैसी सामाजिक मंजूरी के लिए अधिक धन निवेश कर लाभ की स्थिति में रहेगा। चालू वित्त वर्ष में सरकारी प्राप्तियों और व्यय के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा विचारधारा का 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजकोषीय आय का लक्ष्य 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत रखा गया है।

अंतरिम बजट में उम्मीद:

डेलॉयट इंडिया में साझीदार संजय कुमार ने कहा कि इक्विटी सरकार के पास कुछ निश्चित राजकोषीय बजट है और उन्हें अंतरिम बजट में खर्च करना है। कुमार ने कहा, ”2024-25 के लिए अंतरिम बजट में किसान छात्रावास, महिला नामांकन के लिए आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। चालू वर्ष के लिए सरकार का वर्ष का बजट आकार 40 लाख करोड़ रुपये था और अगले वित्त में इसका 10 प्रतिशत अनुपात 43-44 करोड़ लाख रुपये होने का अनुमान है।”

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