आजकल यह बात आम है कि भारत में कोरोना महामारी के बाद से, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में, ‘K-आकार’ का विकास हो रहा है। इसका अर्थ यह है कि देश की अर्थव्यवस्था में गरीब और गरीब होता जा रहा है, जबकि अमीर और अधिक अमीर होता जा रहा है।

हालांकि, यह पूरी तस्वीर नहीं है। हाल के समय में, भारत में आय, बचत, उपभोग और व्यय में बदलाव हुए हैं जो मुख्य रूप से देश के गरीब वर्ग को लाभान्वित करते हैं। इसके लिए कई विशेष योजनाएं, जैसे गरीब अन्न कल्याण योजना, आवासीय योजना, आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना आदि जारी की गई हैं।

इन योजनाओं के तहत, गरीब वर्ग को सीधे तौर पर लाभ मिलता है। उदाहरण के लिए, गरीब अन्न कल्याण योजना के तहत, गरीबों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज दिया जाता है।

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भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों का विश्लेषण:

  • वित्तीय वर्ष 2014 में, व्यक्तिगत ऋण प्राप्त करने वाले नागरिकों में से 36.3% निम्न आय वर्ग के थे। यह संख्या वित्तीय वर्ष 2021 में घटकर 21.1% हो गई है।
  • इसी प्रकार, 3.5 लाख रुपये वार्षिक आय वाले नागरिकों की संख्या वित्तीय वर्ष 2014 में 31.8% से घटकर वित्तीय वर्ष 2021 में 15.8% रह गई है।
  • सबसे अधिक योगदान देने वाले 2.5% नागरिकों का कुल आय में योगदान 2.81% से 2.28% हो गया है।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि:

  • देश में मध्यम वर्ग तेजी से बढ़ रहा है।
  • आय असमानता में कमी आ रही है।

भारतीय महिलाओं की भागीदारी:

  • कुल श्रमिक तंत्र में महिलाओं की संख्या 2017-18 में 23.3% से बढ़कर 2022-23 में 37% हो गई है।
  • महिलाएं कृषि क्षेत्र में भी अपना योगदान बढ़ा रही हैं।

मध्यम वर्ग का बढ़ता प्रभाव:

  • भारत में दोपहिया वाहनों की तुलना में चार पहिया वाहनों की बिक्री में अधिक वृद्धि हो रही है।
  • मध्यम वर्ग के लिए मकानों की खरीद बढ़ रही है।
  • अर्धशहरी क्षेत्रों में “जोमैटो” जैसे ऐप का उपयोग बढ़ रहा है।

गरीब वर्ग को लाभ:

  • केंद्र सरकार द्वारा गरीब वर्ग को मुफ्त अनाज, स्वास्थ्य सेवा और मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
  • 8.2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त उपभोग से गरीब वर्ग को लाभ मिलता है।

आयकर विवरण फाइल करने वालों की संख्या में वृद्धि:

  • वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2021-22 के बीच, 5 लाख से 10 लाख रुपये की आय वाले वर्ग में आयकर विवरण फाइल करने वाले नागरिकों की संख्या 295% से अधिक बढ़ी है।
  • 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय वाले वर्ग में आयकर विवरण फाइल करने वाले नागरिकों की संख्या 291% से अधिक बढ़ी है।
  • वित्तीय वर्ष 2022 में 7 करोड़ नागरिकों ने आयकर विवरण दर्ज किए, जो वित्तीय वर्ष 2023 में 7.4 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2024 में 8.5 करोड़ होने की संभावना है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) का विकास:

  • वित्तीय वर्ष 2014 से 2021 के बीच, सूक्ष्म आकार की 19.5% इकाइयों की आय बहुत तेज गति से बढ़ी है।
  • इनमें से 4.8% इकाइयाँ छोटे डिवी

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