भारत और रूस के बीच दोस्ती लगातार परवान चढ़ रही है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ दोस्ती की जोरदार भावना व्यक्त की और कहा कि वह हमेशा हमारा साथ कायम रखेंगे। इस बीच ताजा आंकड़े सामने आए हैं कि साल 2023 में भारत और रूस के बीच वियापार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। रूसी मीडिया के मुताबिक पिछले साल दिसंबर में पहली बार विटायापार में 50 अरब डॉलर के आंकड़े सामने आए थे। पिछले साल भारत और रूस के बीच कुल 65 अरब डॉलर रहा। भारत और रूस के बीच ऐसे समय में बढ़ोतरी हो रही है जब जापान की जंग को लेकर पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। अमेरिकी नेताओं ने भारत को कई बार रूस के साथ मिलकर धमकाने की कोशिश की।

डॉक्युमेंटिक के आंकड़ों के मुताबिक भारत और रूस के बीच वियापार में बहुत तेजी आई है। पिछले साल के अंत में रूसी डॉलर का भारत का आंकड़ा 1.8 गुना 60.1 डॉलर हो गया। इससे रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारी बन गया। रूस अब केवल चीन से पीछे है, जो भारत को 100 डॉलर मूल्य का सामान मुहैया कराता है। इस बीच, भारतीय ऑब्जेक्ट का जोड़ 1.4 गुना बढ़ गया 4 डॉलर हो गया। भारत रूस से मांग कर रही है कि वह छूट दे ताकि भारत का भी साथ छूट जाए।

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इससे रूस भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यावसायिक साझेदार बन गया। रूस ने सऊदी अरब को पीछे छोड़ दिया, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापार में एक साल पहले 37 डॉलर से लेकर 2023 में 65 डॉलर तक का उछाल आया था। हालाँकि, अमेरिका-भारत के प्राथमिक व्यावसायिक साझेदार बने हैं, इसके बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 119 स्थानीय डॉलर हो गया है। अमेरिका के बाद, चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। हालाँकि कुल वित्तपार 2 प्रतिशत हिस्सेदारी 116 डॉलर हो गई है, जबकि वित्त तीसरा सबसे बड़ा विक्रेता भागीदार के रूप में है। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच 78 डॉलर का कारोबार हुआ।

इसके अलावा सऊदी अरब भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। भारत और सऊदी अरब के बीच में कुल 44 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। हालाँकि इसमें 17 प्रतिशत की गिरावट का आकलन किया गया है। भारत के टॉप 10 प्रोफेशनल्स में सिंगापुर (34 डॉलर), इराक (33 डॉलर), इंडोनेशिया (30 डॉलर), नीदरलैंड (28.4 डॉलर) और दक्षिण कोरिया (27.7 डॉलर) शामिल हैं। इस साल भारत और रूस के बीच वियापार और किराये में बढ़ोतरी हो सकती है। यह व्यापार तब बढ़ रहा है जब अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कई बार भारत को धमकाने की कोशिश की है लेकिन भारत रूस के साथ दोस्ती पर कायम है।

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