अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से तेल का आयात फिर से शुरू कर दिया है। वैल्यूएट पाटनिक ग्लोब की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर-नवंबर 2023 में अमेरिका ने रूस से करीब 46 हजार बैरल तेल मंगाया। अमेरिका के एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) के डेटा से यह भी पता चलता है कि अमेरिका ने रूस को हर बैरल तेल के लिए प्रीमियम का भी भुगतान किया है।

यह कदम अमेरिका के अपने ही प्रतिबंध के खिलाफ है। मार्च 2022 में अमेरिका ने रूसी तेल, गैस और अन्य ऊर्जा स्रोतों पर रोक लगा दी थी। अक्टूबर-नवंबर में रूस से तेल का आयात करने के लिए अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) से विशेष लाइसेंस जारी किया गया था।

अमेरिका में खरीददारों ने महंगा रूसी तेल बेचा

अमेरिका के प्रतिबंध के बावजूद रूसी तेल मंगाना उसके दोहरे रवैये को दर्शाता है। पिछले साल जब यूक्रेन में युद्ध हुआ था, उसके बाद पश्चिमी देशों ने भारत के रूस से तेल खरीदने पर नाराजगी व्यक्त की थी। भारत को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा था। अब अमेरिका ने न सिर्फ प्रतिबंधित तेल खरीदा है, बल्कि उसके लिए सबसे ज्यादा कीमत भी चुकाई है।

विदेशी वित्तीय संस्थानों के गलत अनुमान: भारत का आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक

ईआईए डेटा के अनुसार, अमेरिका ने अक्टूबर में $74 प्रति बैरल और नवंबर में $76 प्रति बैरल की दर से तेल की खरीदारी की। इसकी कीमत अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा 2022 में तय की गई $60 के ‘प्राइज़ कैप’ से कहीं ज़्यादा है। यह प्राइज़ कैप अमेरिका, जी7 देश, यूरोपीय संघ, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने तेल कंपनियों के माध्यम से रूस की आय कम करने के लिए तय किया था।

अमेरिका ने रूस से तेल का आयात शुरू करने का कोई कारण नहीं बताया है। हालाँकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक ऊर्जा संकट, चीन के साथ तनाव और यूक्रेन मामले में अमेरिका को यह निर्णय लेने पर मजबूर होना पड़ा।

टैक्स से भरी सरकार की झोली, भारत में क्या बजट है?

यह भी ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका ने रूस से तेल का आयात फिर से शुरू करने के लिए भारत की आलोचना की थी। अमेरिका का यह दोहरा रवैया उसकी नैतिकता और विश्वासनीयता पर सवाल खड़ा करता है।

निष्कर्ष:

अमेरिका द्वारा रूस से तेल का आयात फिर से शुरू करना उसके दोहरे रवैये का खुलासा करता है। यह कदम न सिर्फ अमेरिका के अपने ही प्रतिबंधों के खिलाफ है, बल्कि यह उसकी नैतिकता और विश्वासनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • अमेरिका ने रूस से तेल का आयात क्यों शुरू किया?
  • अमेरिका का यह कदम भारत के लिए क्या मायने रखता है?
  • क्या अमेरिका का यह कदम यूक्रेन युद्ध को प्रभावित करेगा?

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *